kismat ka upay Fundamentals Explained

१. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें !

इस ताले को आप शुक्रवार की रात अपने सोने के कमरे में रख दें ! शनिवार सुबह उठकर नहा-धो कर ताले को बिना खोले किसी मन्दिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें ! जब भी कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला खुल जायगा !

गुरु यदि छठे भाव में बैठा है तो लाल किताब के अनुसार वह मुफ्तखोर साधु माना गया है। केतु बारहवें में बैठा शुभ हो तो ही दौलतमंद बन सकता है। यदि शनि शुभ हो तो आर्थिक हालात ठीक होगी। बहन, मौसी, बुआ से अच्छा व्यवहार रखें। मेहनत से कमाए पर ही गुजारा करें। लापरवाही और आलस्य को त्याग दें। प्राप्त चीजों की कदर करें। बुध का उपाय करेंगे तो भाग्य जाग जाएगा। मुर्गे को दाना देने से भी राहत मिलती है। पुजारी को कपड़े भेंट कर सकते हैं।

Wake up early each morning, bathe after which you can chant the Gayatri Mantra. By chanting this mantra, it evokes target and perseverance in just us. Om bhūr-bhuvaħ svaħ ।

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इस राशी के लोग यथासंभव बेल्ट का प्रयोग न करें। अस्पताल में दमे की दवा मुफ्त में दें।

इन्द्रजाल में रुद्राक्ष के चमत्कारी महारह्स्य

रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें ! प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें !

हाथों में भाग्य रेखा- हाथों में भाग्य रेखा होती है। राहु या केतु पर्वत से निकलकर शनि या गुरु पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को भाग्य रेखा कहते हैं। भाग्य रेखा यदि सरल और स्पष्ट है तो व्यक्ति का भाग्य साथ देगा लेकिन यह रेखा यदि टूटी-फूटी और अस्पष्ट है तो कर्म पर ही निर्भर रहना होगा। यह भी मान्यता है कि यदि यह रेखा कलाई से निकलकर गुरु पर्वत में मिल जाए kismat ka upay तो व्यक्ति बहुत ही ज्यादा भाग्यशाली होता है लेकिन शनि पर्वत में मिल जाए तो भाग्य की कोई ग्यारंटी नहीं। लेकिन यदि आपके हाथ में यह रेखा है ही नहीं तो फिर क्या करें?

इसके अलावा बुध को बलवान बनाने के लिए आप बुध के मंत्रो का जाप भी कर सकते हैं। बीजाक्षरी मंत्र: ॐ बुं बुधाय नम

व्यक्तिगत परामर्श के लिए आचार्य कमल शर्मा से फोन/चैट के माध्यम से जुड़ें

दक्षिणमुखी भवन का वास्तु

लाल किताब के अनुसार गुरु यदि छठे, सातवें, आठवें और दसवें घर में है तो वह अशुभ फल देगा। अत: कम से कम इस भाग में बैठे गुरु के उपाय तो करना ही चाहिए। दूसरा यह कि यदि गुरु नवम भाव में बैठे हैं तो सावधानी रखना जरूरी होती है अन्यथा व्यक्ति अपने जागे हुए भाग्य को अपने कर्मों से सुला देता है। तो करें ये उपाय।

कवि की करुण पुकार – आचार्य डॉ अजय दीक्षित “अजय”

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